Delhi:- यमन (Yaman) में हत्या के आरोप में फांसी की सजा का सामना कर रही केरल की नर्स निमिषा प्रिया (Nimisha Priya) की 16 जुलाई को तय फांसी की सजा को अगली तारीख तक के लिए टाल दिया गया है।
निमिषा प्रिया (Nimisha Priya) को बुधवार को फांसी दी जानी थी, लेकिन कई मोर्चे पर बातचीत के बाद फांसी को अगले आदेश तक के लिए टाल दिया गया है। इस मामले में कई मोर्चे से कई प्रयास जारी हैं, जिनमें सऊदी अरब स्थित एजेंसियों के अलावा भारत सरकार का पूर्ण समर्थन और ग्रैंड मुफ्ती, कंथापुरम ए.पी. अबूबकर मुसलियार का धार्मिक हस्तक्षेप शामिल था। अबूबकर मुसलियार (A.P Abubakar Muslimyaar) कथित तौर पर मध्यस्थता में मदद करने के लिए यमन के शूरा काउंसिल में एक दोस्त के पास पहुंचे और सभी ने अगले आदेश तक फांसी को स्थगित करने का फैसला लिया।
फांसी की वजह:- 2011 में निमिषा प्रिया 1 नर्स के तौर पर यमन में काम करने के लिए गई थी,वही उन्होंने यमन के एक नागरिक तालाल अब्दो महदी के साथ एक क्लीनिक शुरू किया। प्राप्त जानकारी के अनुसार निमिषा प्रिया ने यहां आरोप लगाया है कि क्लीनिक में साथ काम करने के दौरान तालाल अब्दो महदी उनका यौन और मानसिक शोषण करने लगा था, इसके अलावा फर्जी दस्तावेजों के माध्यम से निमिषा से शादी का दावा करने लगा और पासपोर्ट को जब्त कर उन्हे बंदी बनाकर रखने लगा।
निमिषा प्रिया पर यहां आरोप लगे है कि वह तालाल अब्दो महदी के पास जब्त अपने पासपोर्ट को पाना चाहती थी इसीलिए उसने महदी को बेहोशी की दवाइयां देकर उसे बेहोश किया जिससे उसकी मौत हो गई। तालाल अब्दो महदी की मौत के बाद निमिषा ने वही की स्थानीय महिला के साथ मिलकर शव के टुकड़े-टुकड़े कर पानी की टंकी में फेंक दिये थे।