लखनऊ: उत्तर प्रदेश में बारिश और बांधों से पानी छोड़े जाने के कारण 24 जिलों के लगभग 1245 गांव बाढ़ की चपेट में हैं। बदायूं, प्रयागराज, मिर्जापुर, वाराणसी, गाजीपुर औऱ बलिया में गंगा, नैनी में यमुना, लखीमपुर खीरी में शारदा, बाराबंकी, अयोध्या में घाघरा औऱ श्रावस्ती में राप्ती नदी खतरे के निशान से ऊपर बह रही हैं। बाढ़ के कारण करीब 2 लाख 7 हजार लोग प्रभावित हैं। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ लगातार बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों की मॉनीटरिंग कर दिशा निर्दश दे रहे हैं। प्रदेश के राहत आयुक्त भानु चंद्र गोस्वामी ने बताया कि बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में 1640 नावों और मोटर बोट्स की सहायता से राहत सामग्री पहुंचाई जा रही है। 377 बाढ़ शरणालयों में 41 हजार से अधिक लोगों को रखा गया है जहां उन्हें खाने पीने और चिकित्सा समेत अन्य सुविधाएं दी जा रही हैं। इसके साथ ही 1348 बाढ़ चौकियों की स्थापना की गई है, जो प्रभावित क्षेत्रों की स्थिति पर निगरानी रख रही हैं। वाराणसी में बाढ़ प्रभावित इलाकों का दौरा करने के बाद जिलाधिकारी सत्येंद्र कुमार ने बताया कि गंगा के जलस्तर में अब कमी हो रही है। मुख्यमंत्री के निर्देश पर प्रदेश सरकार के मंत्री भी बाढ़ प्रभावित इलाकों का दौरा कर व्यवस्थाओं की समीक्षा कर रहे हैं। इसी क्रम में प्रदेश के राज्यमंत्री रवीन्द्र जायसवाल ने आज गाजीपुर में बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों का दौरा किया औऱ बाढ़ पीड़ितों को राहत सामग्री वितरित की। उन्होंने बाढ़ पीड़ितों को सरकार की ओर से पूरी मदद देने का भरोसा दिया। उन्होंने कहा- प्रशासन और सरकार पूरी तरह से तटस्थ है और सारे लोग एक्टिव हैं और अभी तक कैजुअल्टी जीरो है। अगर किसी का फसल नुकसान हुआ है तो सरकार उसकी भरपाई भी करेगी। अगर किसी ने जमीन लिया है बटाई पर तो सरकार की नीति बन गयी है कि बटाई करने वालों को सहायता मिले। मौसम विभाग ने आगामी 24 घंटों में प्रदेश के पूर्वी जनपदों में बारिश का येलो अलर्ट जारी किया है।