देवास- जिला पंचायत सीईओ ने युपीएचसी बावड़िया में स्टॉप डायरिया कैंपेन सह दस्तक अभियान का किया शुभारंभ

देवास-  भारत सरकार ने निर्देशानुसार प्रदेश में स्टॉप डायरिया कैंपेन सह दस्तक अभियान का आयोजन 22 जुलाई से 16 सितंबर तक किया जा रहा है। इसके तहत सीईओ जिला पंचायत ज्योति शर्मा ने जिला स्तर पर स्टॉप डायरिया कैंपेन सह दस्तक अभियान का शुभारंभ शहरी प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र बावड़िया में किया। इस दौरान सीएमएचओ डॉ सरोजनी जेम्स बेक, पार्षद उषा खत्री, जिला टीकाकरण अधिकारी डॉ. सुनिल तिवारी, डॉ. प्रवीण नेमा, डीपीएम कामाक्षी, उप जिला मीडिया अधिकारी कमलसिंह डावर, डीसीएम ओप्रकाश मालवीय, बीईई सुखदेव रावत सहित क्षेत्र की सुपरवाईजर,आशा कार्यकर्ता क्षेत्र के बच्चे हितग्राही, नागरिकगण तथा अन्य संबंधित उपस्थित थे। सीईओ जिला पंचायत ज्योति शर्मा ने कहा की शासन द्वारा चलायें जा रहे अभियान का उद्देश्य बाल्य कालीन दस्त रोग में जिंक एवं ओ.आर.एस. के उपयोग को बढ़ावा देना है। उन्होंने कहा कि उच्च कवरेज सुनिश्चित करना, पांच वर्ष से कम आयु के बच्चों में दस्त की रोकथाम और प्रबंधन के लिए सेवा प्रदाता एवं समुदाय में जागरूकता बढ़ाकर गुणवत्तापूर्ण ट्रीटमेंट प्रोटोकॉल अनुसार संस्था में बाल्यकाल दस्त रोग प्रबंधन करें। साथ ही स्वास्थ्य कार्यकताओं से जानकारी लेकर क्षेत्र में सभी बच्चों की स्क्रीनिंग की जाएं। समुदाय स्तर पर उम्र और वजन के अनुसार जांच कर गंभीर कुपोषित और अति गंभीर कुपोषित बच्चो का चिंहांकन कर एनआरसी में भर्ती कर कुपोषण मुक्त के लिए नियमित कार्य करें।

 

 

देवास जिले में किलकारी अभियान के माध्यम से भी कुपोषित बच्चों को कुपोषण से मुक्त किया जा रहा है। सीईओ जिला पंचायत सुश्री ज्योति शर्मा ने संस्था में बनाये गये ओआरएस कार्नर को देखा और स्टॉफ से अभियान के दौरान दी जाने वाली सेवाओं की जानकरी ली। सीएमएचओ डॉ सरोजनी जेम्स बेक ने बताया कि भारत सरकार ने निर्देशानुसार प्रदेश में स्टॉप डायरिया कैंपेन सह दस्तक अभियान का आयोजन 22 जुलाई से 16 सितंबर तक किया जायेगा। इस बार कैंपेन 2025 का नारा डायरिया की रोकथाम, सफाई और ओआरएस से रखें अपना ध्यान।

 

 

उन्होंने बताया कि मंगलवार को जिला एवं विकासखण्ड स्तर पर अभियान का शुभारंभ किया गया। कार्यक्रम नोडल अधिकारी डॉ सुनिल तिवारी ने बताया कि जन्म से 5 वर्ष तक के बच्चों की जांच कर माताओं को बच्चे के स्वास्थ्य संबंधी परामर्श दिया गया तथा अभियान के बारे मे जानकारी दी गई। उन्होंने बताया कि इस वर्ष आंगनवाड़ी केन्द्र पर दस्तक सत्र आयोजित कर 5 वर्ष तक के सभी बच्चों को अभियान में निहित सेवा प्रदायगी की जायेगी। शेष छूटे हुए बच्चों एवं नवजात शिशुओं हेतु मॉप-अप के दौरान ए.एन.एम., आशा एवं आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं के संयुक्त दल द्वारा इन बच्चों के घर-घर जाकर दस्तक सेवाएं दी जायेंगी। सत्र एवं मॉप-अप के दौरान बच्चों में बीमारियों की पहचान, आवश्यक उपचार एवं त्वरित रेफरल सुनिश्चित किया जायेगा। दस्तक दल का नेतृत्व एएनएम द्वारा किया जायेगा आशा एवं आंगनवाडी कार्यकर्ता सहयोगी की भूमिका में होंगी। अभियान के दौरान जिला और विकासखण्ड अधिकारी नियमित मॉनिटरिंग करेंगे।

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