नई दिल्ली: 125 किलोग्राम वजन वाले एक व्यक्ति के कूल्हे का प्रत्यारोपण कर नई दिल्ली स्थित फोर्टिस एस्कार्टस अस्पताल के डॉक्टरों ने इतिहास रच दिया। डॉक्टर इसे अपनी तरह का दुर्लभ मामला बता रहे हैं। सर्जरी सफल रही और मरीज पूरी तरह से स्वस्थ और अपने पैरों पर चल फिर पा रहा है।
दिल्ली के रहने वाले 58 साल के समीर कपूर ने कभी सोचा भी नहीं था कि वे बिना दर्द के अपने पैरों पर चल सकेंगे। 125 किलो के समीर कपूर बीते तीन साल से दाएं कूल्हे में दर्द से परेशान होकर कई अस्पतालों का चक्कर लगाया और इलाज कराया लेकिन राहत नहीं मिली। अंत में समीर दिल्ली के फोर्टिस एस्कॉर्टस अस्पताल गए।
वहां डॉक्टरों की टीम ने एक दुर्लभ टोटल हिप रिप्लेसमेंट यानि पूर्ण कूल्हा प्रत्यारोपण कर समीर कपूर को ना केवल हिप में हो रहे दर्द से निजात दिलाई बल्कि 125 किलोग्राम के समीर कपूर की सर्जरी कर इतिहास रच दिया। समीर कपूर की सर्जरी करीब पचास मिनट चली।
समीर चार दिन में ही अपने पैरों पर चलने लगे। भारी वजन वाले मरीजों में हिप रिप्लेसमेंट प्रक्रियाओं से जुड़ी मेडिकल चुनौतियों और सर्जरी के बाद मिली कामयाबी के मद्देनजर काफी दुर्लभ बन जाते हैं। अब समीर और उनका परिवार काफी खुश है।
सामान्य से अत्यधिक वजन के मरीजों, खासतौर से 100 किलोग्राम से अधिक वजन वाले मरीज अक्सर ज्वाइंट रिप्लेसमेंट से बचते हैं और यहां तक कि सर्जन भी ऐसे मामलों में जटिलताओं के मद्देनजर काफी सावधानी बरतते हैं।
लेकिन समय पर इलाज मिलने से इस तरह के मरीजों को विकलांगता से बचाया जा सकता है। ये सर्जरी यह साबित करती है कि अधिक वजन वाले मरीज भी अगर मेडिकल रुप से फिट हैं तो सुरक्षित ज्वाइंट रिप्लेसमेंट करा सकते हैं। समीर की ये कदम ताल दूसरों को भी हौसला दे रही है।