नई दिल्ली: जैसलमेर में वाइल्ड लाइफ इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया और राजस्थान वन विभाग ने मिलकर थार रेगिस्तान में पाए जाने वाले रैप्टर पक्षियों पर एक विशेष अध्ययन प्रोजेक्ट शुरू किया है।
इस प्रोजेक्ट का मकसद गिद्धों, ईगल्स और फाल्कन्स जैसी शिकारी पक्षियों की पारिस्थितिकी (इकोलॉजी) को समझना है। अध्ययन के तहत पहली बार थार क्षेत्र में जीपीएस ट्रांसमीटर आधारित टेलीमेट्री का उपयोग किया जा रहा है।
इसके लिए छह प्रमुख प्रजातियों को चुना गया है, जिसमें रेड हेडेड वल्चर, व्हाइट रंप्ड वल्चर, इजिप्शियन वल्चर, इंडियन वल्चर, टॉनी ईगल और लग्गर फाल्कन भी शामिल है।
जीपीएस ट्रांसमीटर के जरिए यह पता लगाया जाएगा कि ये पक्षी किस मौसम में किस ओर मूवमेंट करते हैं, उनकी दैनिक गतिविधियाँ क्या हैं और वे कैसे अपने भोजन के स्रोत खोजते हैं।
वाइल्ड लाइफ इंस्टीट्यूट ऑफ़ इंडिया द्वारा जीपीएस सिस्टम लगाकर शिकारी पक्षियों पर शोध करना अपने आप में एक उपलब्धि रहेगी।