दर्जनों हैंड पाइप आज भी खराब पड़े हैं
लेखराम मौर्य
लखनऊ। विकासखंड काकोरी की कुछ पंचायतों में भ्रष्टाचार का आलम यह है कि एक ही हैंड पाइप के नाम पर लाखों रुपए मरम्मत के नाम पर निकाल दिए गए और और पाइपों की लोकेशन ऐसी जगह डाल दी है कि वह पंचायत के क्षेत्र से बाहर की है। ऐसी स्थिति में यदि कोई पंचायत क्षेत्र में उस हैंड पाइप की तलाश करें तो वह ढूंढे नहीं मिल सकता है। विकासखंड की दो पंचायतों में ऐसे ही मामले सामने आए हैं जहां एक पंचायत में दो हैंड पाइप के नाम पर और दूसरी पंचायत में एक ही हैंड पाइप के नाम पर पैसे निकाले गए। आपको बताते चलें कि विकासखंड की दसदोई पंचायत में एक ही हैंड पाइप की फोटो लगाकर 975000 निकाल दिए गए।
इस हैंड पाइप की खासियत यह है कि इसकी लोकेशन पंचायत से बाहर दिखाई दे रही है। जिस हैंड पाइप के नाम पर वित्तीय वर्ष 22- 23 में 269325 रुपए निकाले गए उसके बाद 14 अक्टूबर 2024 को निगम हार्डवेयर पेंट और पशु आहार के नाम 142000 का भुगतान इस हैंड पाइप के नाम पर कर दिया गया। 16 अगस्त 2024 को किसी हैंड पाइप के नाम पर ₹50000 निकाले गए। इसके बाद 11 जनवरी 2025 को इसी हैंड पाइप के नाम पर 246325 अलग-अलग समय पर निकाले गए। यही नहीं इसी हैंड पाइप के नाम पर 10 मई 2025 को 213000 निकाले गए।
25 जून 2025 को रामकिशोर के नाम से 36500 इस हैंड पाइप के नाम पर तथा इसी तारीख को अलग-अलग दो भुगतान अन्य फर्मो को 105000 का भुगतान किया गया। इस हैंड पाइप की लोकेशन जो अपलोड की गई है वह दूसरी ग्राम पंचायत के क्षेत्र में दिखाई दे रही है। भ्रष्टाचार की एक और मिशाल इसी ग्राम पंचायत में देखने को मिली जहां 15 अक्टूबर 2024 को स्वास्तिक टाइल्स एंड मार्बल के नाम पर 197427 रुपए स्ट्रीट लाइट स्थापना के नाम पर भुगतान किए गए और इस धनराशि से कितनी लाइट खरीदी गई इसका कोई हिसाब नहीं दिखाई दे रहा है परंतु लाइटों की लोकेशन विकासखंड कार्यालय परिसर में सहायक विकास अधिकारी पंचायत के कमरे के पास की अपलोड की गई है।
ग्राम पंचायत गोपरामऊ में दो हैंड पाइप के नाम पर लाखों रुपए निकाल लिए गए। एक हैंड पाइप पंचायत भवन के सामने कल्लू चौकीदार के घर के सामने लगा है इस हैंड पाइप के नाम पर लाखों रुपए निकाले गए । इस हैंड पाइप के संबंध में कल्लू चौकीदार ने बताया कि विधायक निधि से करीब 7 साल पहले लगे इस हैंड पाइप को आज तक पंचायत ने एक बार भी ठीक नहीं कराया है इस बात की जानकारी कल्लू को नहीं है कि प्रधान और सचिव ने उनके हैंड पाइप की मरम्मत के नाम पर लाखों रुपए निकाल लिए हैं। इनमें से एक हैंड पाइप की लोकेशन गोमती नगर बता रही है।
ग्राम पंचायत पहिया आजमपुर में एक इंटरलॉकिंग टाइल्स का काम 29 जुलाई को समाप्त हो गया था परंतु उसके बाद भी फर्जी लोगों की फोटो लेबरों के नाम पर अपलोड की जा रही है तथा वृक्षारोपण 9- 10 जून को हुआ था जहां गांव के किनारे कुछ दूरी तक पेड़ लगाए गए परंतु कागजों में एक किनारे से दूसरे किनारे वृक्षारोपण दिखाया गया है जहां गांव के अंदर पेड़ लगाने की कोई जगह नहीं है। यहां भी डेढ़ महीने बाद भी फर्जी फोटो लगातार वृक्षारोपण के नाम पर अपलोड की जा रही है। किस तरह मनरेगा से लेकर राज्य वित्त और 15 वें वित्त आयोग की धनराशि में लाखों रुपए का फर्जी वाड़ा किया जा रहा है। अब देखना है कि इन मामलों का अधिकारी किस तरह संज्ञान लेकर कार्रवाई करते हैं या फिर एक बार फिर पर्दा डालने का काम करेंगे क्योंकि इससे पूर्व में भी दसदोई पंचायत में भ्रष्टाचार का मामला सामने आया था परंतु दोषियों के खिलाफ कार्रवाई करने के बजाय अधिकारियों ने सिर्फ जॉब कार्ड डिलीट खाना पूर्ति कर दी थी।