नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट आज बिहार में मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण (SIR) से संबंधित याचिकाओं पर सुनवाई करेगा। इससे पहले चुनाव आयोग ने कोर्ट में अपना जवाब दाखिल किया जिसमें ईसीआई ने कहा कि वह कानूनी तरीके से अपना काम कर रहा है।
चुनाव आयोग ने कहा कि कानून में ऐसा कोई प्रवाधान नहीं है कि ड्राफ्ट लिस्ट से हटे नामों की लिस्ट सार्वजनिक की जाए। साथ ही, कहा कि सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल करने वाले याचिकाकर्ता लिस्ट को अधिकार की तरह नहीं मांग सकते।
आयोग ने कहा कि हर योग्य मतदाता का नाम अंतिम मतदाता सूची में शामिल कराने के लिए सभी संभव कदम उठाए जा रहे हैं और इस दिशा में सख्त निर्देश जारी किए गए हैं। आयोग ने अपने हलफनामे में बताया कि एसआईआर का पहला चरण पूरा हो चुका है और 1 अगस्त 2025 को प्रारूप मतदाता सूची प्रकाशित कर दी गई है।
हलफनामे में कहा कि राजनीतिक दलों को समय-समय पर छूटे हुए मतदाताओं की सूची उपलब्ध कराई गई, ताकि समय रहते नाम जोड़े जा सकें। प्रवासी मजदूरों के लिए 246 अखबारों में हिंदी में विज्ञापन जारी किए गए और ऑनलॉइन व ऑफलॉइन दोनों माध्यमों से फॉर्म भरने की सुविधा दी गई।